श्री पुरुषोत्तम दास टंडन
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
श्री पुरुषोत्तम दास टंडन
उत्तम बुद्धि विवेक, विविध विद्या मति उत्तम।
उत्तम बोध सुबोध, चतुर वक्ता अति उत्तम।।
उत्तम सरल स्वभाव, साध साधक सर्वोत्तम।
उत्तम पुण्य प्रताप, प्राण पारस पुरुषोत्तम।।
वीर व्रती कृती, कृतौ सुधी साधू संतोषी।
धीर धुनी ऋषि मुनी, मातृभाषा परिपोषी।। मातृ-भक्त अग्रणी, मणी मानव समाज के। आनबान पर अड़ी, सही सैनिक स्वराज के।।
पास वकालत करी, चैन के दिन जब आये।
त्याग त्याग सुख सभी, दु:ख दारिद अपनाये।।
ठोकर मारा किया, संपदा को जब आई।।
त्याग तपस्या सदा, तपस्वी के मन भाई।।
हिंद अहिंदी देख, करी हिंदी की सेवा।
हिंदी बहती जात, बने नैया के खेवा।।
हिंदी का हो ह्रास, भला यह कैसे भाता।
हिंदी भाषा भेष, सदाचित यही सुहाता।।
माँ को भूले नहीं, न माँ की भाषा भूले।
भूले साथा सगे, जिन्हें थी आशा भूले।।
हिंदी को पद मिला, हुई उसकी सुनवाई।
हिंदी के हित लड़े, राष्ट्रभाषा बनवाई।।
देव किया उपकार, न कोई भूल सकेगा।
आभारी यह देश, तुम्हारा सदा रहेगा।।
हिमकर दिनकर और, गगन तारागण जब तक।
गंग यमुन जल धार, अमर तेरा यश तब तक।।