भारतवर्ष
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
भारतवर्ष
सृष्टि का सौंदर्य, सृष्टिकर्ता की भगती।
भारत की यह भूमि, भाग्यवानों को मिलती।।
रत्नों की यह खान, रत्न गर्भा रत्नाकर।
राम कृष्ण भगवान, जन्म से रहे यहां पर।।
सुरसर सुरथ सुनीर, सुखद सरवर सर सागर।
सुरसलि रहत अधीर, तजत सुरपुर यहिकारन।।
जन जन की यह जननि, भरण पोषण नित करती।
अशरण की यह शरण, तरन तारन यह धरती।।
सब पर प्रेम समान, सभी को गले लगाती।
प्रिय जिनको अपमान, उन्हें भी गोद बिठाती।।
गीता का उपकार, न भूलो बनौ दूतघ्नी।
सर्वस करो निसार, कहो साथी कर धरनी।।
कारण इसके अगर, प्राण भी हम खोतो हैं।
इस से इसके उदय, न तब भी हम होते हैं।