निवेदन !
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
निवेदन !
अपने देश की प्रतिष्ठा, मान और मर्यादा को बनाए रखना और उसकी रक्षा में अपने प्राण दे देना देशवासियों का कर्तव्य ही नहीं अपितु धर्म है। भारत में अनेक महान पुरुष ऐसे हुए हैं, जो देश के लिए ही जिए और देश के लिए ही मरे । देश के स्वतंत्रता संग्राम में हमारे अनेक देशभक्त वीर सैनिकों ने बिना अस्त्र-शस्त्र के केवल आत्मबल के सहारे विजय प्राप्त की। यह एक ऐसी विचित्र बात है, जिसने सारे जगत को चकित कर दिया। उन्होंने क्या किया, इसका ज्ञान देश के बच्चे-बच्चे को होना चाहिए, जिससे वे देश की रक्षा करने में समर्थ हो। यही इस पुस्तक के लिखने का मेरा उद्देश्य है।
गद्य की अपेक्षा पद्य में लिखी बातों का प्रभाव जनता के हृदय पर अधिक पड़ता है। इस कारण से मैंने इसे छंदों में लिखने का प्रयास किया है ।
--- पंडित शिवनारायण शर्मा