गीदड़ से क्या तुमको डरना
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
गीदड़ से क्या तुमको डरना
भारत के वीर नवयुवकों, भारत की लाज तुम्हें रखनी।
राणा प्रताप की संतानों, पुरषों की चाल तुम्हें चलनी।।
होते आये हैं वीर यहाँ, है वीर व्रसविनी यह माता।
दुश्मन के खट्टे दांत किये, इतिहास तुम्हारा बतलाता।।
देखो है पाक भूमि अपनी, नापाक न पग रखने पावे।
रक्खे तो खाक मिला कर ही, छोड़ो न लौट घर को जावे।।
पापी से उसके पापों का, निश्यच करके बदला लेना।
कपटी के दिल को रणवीरों, निज भुज बल से दहला देना।।
अन्यायी अत्याचारी का, हो अन्त यहीं जग को भाता।
हिंसक को हिंसा करना हो, क्या धर्म नहीं यह हो जाता।।
शूरों की तुम संतान शूर, शूरता दिला कर ही रहना।
शेरों के वट में पले शेर, गीदड़ से क्या डरना।।