स्वतंत्रता दिवस
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
स्वतंत्रता दिवस
शुभकर सुदिन सुधन्य, थन्य पंद्रह अगस्त है।
शुभ सन सैंतालिस, बसंतनित हृदय रहत है।।
अति पवित्र यह पर्व, इसे प्रतिवर्ष मनावें।
पुष्पांजलि सस्नेह, हिये भर हर्ष चढ़ावें।।
इस दिन सौये भाग, हमारे फिर से जागे।
इस दिन घर में घुसे, विदेशी घर से भागे।।
रंको के घर बजी, बधाई पाई पूंजी।
वेदी के कर पड़ी, बेड़ियों की ध्वनि गूंजी।।
जिन मुखड़ों पर सदा, उदासी हरती छाई।
मधुर मधुर मुसकान, आज उन पर थी छाई।।
दिया न देखा जहाँ, न देखी दियासलाई।
जगमग जगमग आज, दिवाली उन घर आई।।
दियों का दासत्व, हटा सर्वस्व मिल गया।
जो था कभी महत्व, फिरा अस्तित्व रह गया।।
जहां रेत ही रेत, वहां हरियाली छाई।
जहां न देखा स्वेल, रहा वह पीत दिखाई।।
शुभ स्वागत के हेत, रहे हम आंख बिछाई।
हो स्वतंत्रता दिवस, तुम्हे है कोटि बधाई।।