पहचानों तुम कौन हो
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
पहचानों तुम कौन हो
इसी देश ने पैदा करके, तुमको इतना बड़ा किया।
इसी देश ने खिला पिला के, अपने पैरों खड़ा किया।।
इसी देश में खेले कूदे, इसी देश में चले फिरे।
इसी देश में मेले मेटे, इसी देश में लड़े भिड़े।।
इसी देश में पढ़ लिख करके, आज हुए इस लायक हो।
इसी देश की जनता हो तुम, इसी देश के नायक हो।।
जिस मिट्टी से बने उसी में, आखिर को मिल जाना है।
नहीं चीन ही जाना तुमको, नही रूस ही जाना है।।
फिर भाई बन क्यों नहिं करते, पहले भाई पीछे और।
भारतवासी होकर कहते, पहले भारत पीछे और।।
नहीं कहोगे पछताऔगे, समय कहलवा ही लेगा।
चलना फिरना खाना पीना, कठिन तुम्हारा कर देंगा।।