धिक्कार तुझे
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
धिक्कार तुझे
रे निठुर न करना नज़र यहाँ,
यह पुराय भूमि हे भारती की।
अधम न रखना कदम यहां,
यह जन्म भूमि है प्रारथ की,
है लूट मार का ज्ञान तुझे।
धिक्कार तुझे, धिक्कार तुझे।।
औरो की भूमि हरप करके,
तु अपना राज बढ़ाता है।
औरों की छीन संपदा को,
अपना अधिकार बनाता है।
साम्राज्यवाद की हाय तुझे।
धिक्कार तुझे, धिक्कार तुझे।।
औरों की निरा झोपड़ी को,
तू अपना महल चिनाता है।
औरों की छिना रोटियों को,
तु अपना पेट फुलाता है।
इस साम्यवाद पर नाज़ तुझे,
धिक्कार तुझे, धिक्कार तुझे।।
बेशरम करम से हीन हुआ,
दू जन जीवन का कंटक है।
बेशरम न तुझको शरम क्या,
तू विश्व शांति का संकट है।
दुर दुर करता संसार तुझे,
धिक्कार तुझे, धिक्कार तुझे।।