भारत नया बनायेंगे
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
भारत नया बनायेंगे
हम भारत के बाल भाव हम, भारत नया बनायेंगे।
नूतन होगा देश हमारा, सबसे बढ़कर सबसे न्यारा।।
अमर शहीदों की जननी को, अमरावती बनायेंगे।
नूतन नगर डगर पर नयन, नूतन भवन, बसन सब नूतन।
नूतन भसम तपन थल जल वन, नूतन सृष्टि रचायेंगे।।
नूतन वट, वाटिका कियारी, हरी, भरी, फूली फुलवारी।
पुरफाई इन मंसूहियन ये, फिर बसंत ऋतु लायेंगे।।
भांति भांति कि धाड़ फोड़कर, भेद भाव को छोड़ छाड़ कर।
मानवता का श्रेष्ट न भूला, बनकर हम दिखलायेंगे।।
गिनती में यदि थोड़े हैं हम, किन्तु स्थाई घोड़े हैं हम।
कोई कठिन काम हो उनको, मिनटों में कर डाँलेंगे।।
नहीं किसी की धरती लेंगे, नहीं धरती लेने देंगे।।
पौधा पींगी का वनवा कर खट्टे दांत ...
मातृभूमि के लिये जियेंगे, मातृभूमि के लिये मरेंगे।
मातृभूमि की रक्षा के लिये, रक्त कि नदी बहायेंगे।।