पहला दृश्य
(पात्र- लक्ष्मण और उर्मिला)
भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पंडित शिव नारायण शर्मा (1890-1976) द्वारा रचित कविताओं का संकलन।
पहला दृश्य
(पात्र- लक्ष्मण और उर्मिला)
लक्ष्मण- आज है अभिषेक का दिन, शुभ समय हर्षित हिये।
प्रात कृत्य निर्वृत्ति पाकर, शीघ्र चलना है प्रिये।।
मुदित मन जनगण सभी के, चहल-पहल प्रसन्नता।
रात का पर स्वप्न मन में, प्रिये रह-रह खटकता।।
उर्मिला- आज दिन यदि बन्धु चारों, अवध होते साथ में।
और ही कुछ बात होती, सोचती थी नाथ मैं।।
लक्ष्मण- हो विदा लो अब चला मैं, तिलक होना है जहाँ।
जोहते वे बाट होंगे, बन्धुवर मेरी वहाँ।।
प्रिये तुम भी शीघ्र आना, माँ वहाँ होंगी सभी।
जो करें आदेश, करना, तिलक होना है अभी।।